पितृदोष पूजा
पितृदोष पूजा क्या है?
पितृदोष पूजा, ज्योतिष और हिन्दू धर्म के अनुसार एक प्रकार की पूजा है जिसे पितृदोष निवारण के उपाय के रूप में किया जाता है। इस पूजा का उद्देश्य पितृगण की आत्मा को शांति देना और उनकी क्रिपा प्राप्त करना होता है। पितृदोष का मुख्य कारण पितृगण के आकार्षण और शांति के लिए यथेष्ट पूजा और श्राद्ध न करना हो सकता है।
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पितृदोष पूजा कैसे होता है?
पितृदोष पूजा के लिए विशेष मांगलिक समय और मुहूर्त का चयन किया जाता है। यह पूजा धनतेरस, पितृपक्ष, अमावस्या, और पितृतर्पण दिनों पर भी की जा सकती है।
पितृदोष पूजा का निवारण क्या है?
पितृदोष पूजा का निवारण श्राद्ध, तर्पण, और पितृकर्मों को निष्कर्षण करके किया जा सकता है। यह पूजा पितृगण को आत्मा की शांति प्रदान करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है।
पितृदोष पूजा निवारण के पूजा-पाठ
ॐ पितृगणाय नमः" जैसे पितृदोष निवारण मंत्र का जाप करने से पितृगण के अशुभ प्रभाव को निष्कारण किया जा सकता है।
धार्मिक यात्रा
पितृदोष का निवारण करने के लिए धार्मिक यात्रा करना भी एक उपाय हो सकता है। यह यात्रा किसी प्रमुख तीर्थ स्थल पर किया जा सकता है, जहां पितृगण के आत्मा को शांति देने के लिए पूजा और आराधना की जाती है।
दान और अन्नदान
पितृदोष का निवारण करने के लिए दान और अन्नदान करना भी एक उपाय हो सकता है। आप गरीबों को खाना खिलाकर और धर्मिक और सामाजिक कार्यों में भाग लेकर पितृदोष को निष्कारण कर सकते हैं।
रत्न धारण
पितृदोष का निवारण करने के लिए कुछ विशेष रत्नों को धारण करना भी उपायकारी हो सकता है। इससे पितृगण के प्रभाव को संतुलित करने में मदद मिलती है।